DETAILED NOTES ON BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

Detailed Notes on baglamukhi shabar mantra

Detailed Notes on baglamukhi shabar mantra

Blog Article

तां खेचरां स्मेर-वदनां, भस्मालङ्कार-भूषिताम् । विश्व-व्यापक-तोयान्ते, पीत-पद्मोपरि-स्थिताम् ।।

चतुर्भुजां त्रि-नयनां, पीनोन्नत-पयोधराम् । जिह्वां खड्गं पान-पात्रं, गदां धारयन्तीं पराम् ।।

निधाय पादं हृदि वाम-पाणिनां, जिह्वां समुत्पाटन-कोप-संयुताम् ।

श्रीब्रह्मास्त्र कल्पोक्त सूर्य- मण्डल-स्थित श्रीबगला- मुखी का ध्यान



ॐ ह्रीं बगलामुखि! जगद्वशंकरी! मां बगले प्रसीद-प्रसीद मम सर्व मनोरथान पूरय-पूरय ह्रीं ॐ स्वाहा।

योगिनी-कोटि-सहितां, पीताहारोप-चञ्चलाम् ।

हेमाभाङ्ग-रुचिं शशाङ्क-मुकुटां स्रक्-चम्पक-स्र्ग -युताम्!

कालानल-निभां देवीं, ज्वलत् – पुञ्ज-शिरोरुहां। कोटि-बाहु-समायुक्तां, वैरि-जिह्वा-समन्वितां।।

प्रत्यालीढ-परां घोरां, मुण्ड-माला-विभूषिताम् । खर्वां लम्बोदरीं भीमां, पीताम्बर-परिच्छदाम् ।।

श्रीबगला-हृदयोक्त ध्यान ( पीताम्बरा ध्यान baglamukhi shabar mantra मंत्र )

एवं ध्यात्वा परेशानि! बगला-कवचं स्मरेत् ।।४ श्रीबगला-खड्ग-माला-स्तोत्रोक्त्त ध्यान

Your browser isn’t supported anymore. Update it to find the greatest YouTube encounter and our most up-to-date functions. Find out more

सौवर्णासन-संस्थितां त्रि-नयनां पीतांशुकोल्लासिनीम्,

Report this page